Bihar News : बिहार में युवाओं की स्ट्राबेरी खेती और बकरी पालन में दिलचस्पी बढ़ी

नई दिल्ली (hdnlive)। कोरोना संक्रमण के दौरान बिहार के अधिकतर युवाओं में स्ट्राबेरी की खेती और काम लागत वाले व्यवसाय बकरी पालन की ओर दिलचस्पी बढ़ी है।

स्ट्रॉबेरी की खेती पर बने वीडियो को लोग ज्यादा देख रहे हैं।

इसके अलावा बकरी पालन और मशरूम उत्पादन पर बने वीडियो के प्रति भी लोगों की रुझान काफी बढ़ा है।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का अधिकृत यूट्यूब चैनल कोरोना की दूसरी लहर के बीच किसानों को घर बैठे आधुनिक तकनीक की सीधी जानकारी दे रहा है।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर के सोहने तकनीक के सजीव प्रदर्शन पर अधिक जोर दे रहे हैं जिससे कोरोना काल में किसान घर बैठे आधुनिक जानकारी प्राप्त कर अपनी आय बढ़ा सकें।

डॉ. सोहने ने बताया कि 11 फरवरी से 11 मई के दौरान कुल 167738 लोगों ने स्ट्राबेरी की वैज्ञानिक खेती पर बने वीडियो को देखा है।

इसी प्रकार से वैज्ञानिक ढंग से बकरी पालन पर बने वीडियो को 96510 लोगों ने देखा है।

वीडियो देखनेवालों में 25 से 34 वर्ष के युवाओं की संख्या सबसे अधिक 36 प्रतिशत है वहीं 18 से 24 वर्ष के युवाओं की संख्या 24 प्रतिशत है।

साप्ताहिक लाइव ई-किसान चौपाल में यूट्यूब के माध्यम से जहां डेढ सौ से दो हजार किसान प्रशिक्षण लेते है वहीं चैनल पर पहले से अपलोड किए गए वीडियो को देखकर किसान जानकारी ले रहे हैं।

चौपाल की जानकारी दर्शकों के कम्युनिटी टैब में पहले से दे दी जाती है।

गत अप्रैल से अभी तक हुए छह ई-किसान चौपाल में लगभग 12000 लोग लाइव जुड़े और सवाल भी किये।

इसके अतिरिक्त विगत दो से तीन महीने में लगभग 15 लाख लोगों ने यहां से अपलोड किये गए तकनीकी वीडियो से लाभ उठा चुके हैं।

इस दौरान यहां से बने वीडियो और कम्युनिटी में दिए गए संदेशों ने लगभग एक करोड़ 91 लाख इम्प्रेशन हासिल किए।

विश्वविद्यालय किसान चौपाल, कृषि अभियंत्रण चौपाल, उद्यान चौपाल, पशुपालन चौपाल और मत्स्य पालन चौपाल आयोजित करता है।

बिहार के लोग परवल की उन्नत खेती में भी काफी दिलचस्पी ले रहे हैं।

इस पर बने वीडियो को करीब 60000 लोगों ने देखा है।

इसके अलावा अनानास की खेती , ड्रेगन फ्रूट और आम की पैदावार बढ़ाने को लेकर लोगों में अधिक जिज्ञासा है।

दर्शकों में 90 प्रतिशत भारत के हैं जबकि 10 प्रतिशत यानी लगभग 1.5 लाख लोग विदेशों से भी वीडियो को देख रहे हैं।

नेपाल और पाकिस्तान के लोग भी यहां के वीडियो देखते हैं।

समय समय पर दर्शकों के बीच सर्वे भी किया जाता है जिसमें दर्शकों से मिले राय पर वीडियो में तब्दीली की जाती है।

दर्शकों द्वारा रोजाना सैंकड़ों सवाल पूछे जाते हैं जिसका जवाब भी दिया जाता है।