स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल

स्वामीनाथ शुक्ल | hdnlive
अमेठी ।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी(Smriti Irani) के संसदीय क्षेत्र अमेठी में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। जिससे अमेठी की जनता इलाज के लिए भटक रही है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सरकारी फोन तक नहीं उठाते है। अमेठी जनपद में पचास के आसपास सरकारी अस्पताल खुले हैं। लेकिन बिना डॉक्टर के करोड़ों की बिल्डिंग बेकार है।कागज पर डियुटी करने वाले डाक्टरों पर जिम्मेदार अधिकारियों का बिल्कुल अंकुश नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से निराश मरीजों को जिला अस्पताल से बहुत उम्मीदें होती है।

मरीजों को उम्मीद होती है कि जिला अस्पताल में डाक्टर और सुविधाएं दोनों मिलेगी। लेकिन गौरीगंज के जिला चिकित्सालय का बुरा हाल है। जिला चिकित्सालय में दो दर्जन से ज्यादा डाक्टर तैनात हैं। लेकिन बुधवार को डाक्टर लाईक, डाक्टर नीरज वर्मा और डाक्टर बीके गुप्ता को छोड़कर बाकी डाक्टरों के चेंबर में ताले लटक रहे थे। जिससे मरीज भटक रहे थे। जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ बद्री प्रसाद अग्रवाल भी नहीं थे। पता चला कि बैठक में गए हैं।अस्पताल के बाहर एक इंडिया मार्का हैंडपंप लगा है। लेकिन वह ख़राब पड़ा है। पूरे अस्पताल में एक छोटा वाला वाटर फ्रीजर चलता है। लेकिन उसमें रेलवे स्टेशन से ज्यादा भीड़ होती है। जबकि बजट का अभाव नहीं है। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर दर्जनों खिड़की है। लेकिन केवल एक खुलती हैं। बाकी पर बैठने वाले कोई नहीं है।

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सीटी स्कैन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीगंज में लगा है। लेकिन वहां मरीजों को बैठने के लिए कुर्सियां नहीं है। जिससे बूढ़े, बच्चे,जवान, महिलाएं,सब जमीन पर बैठते हैं। इसके बाद कंप्यूटर पर काम करने वाली मैडम का व्यवहार किसी से छिपा नहीं है। यही हाल एक्सरे का है। एक्सरे,सीटी स्कैन, पैथालॉजी केंद में जुगाड वाले को प्राथमिकता है। बाकी नंबर लगाकर शाम तक बैठे रहते हैं। इससे ज्यादा बुरा हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का है। ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों के ताले तक नहीं खुलते है। एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि डाक्टर लाईक, डाक्टर नीरज और डाक्टर एनके त्रिपाठी की ओपीडी के भरोसे जिला चिकित्सालय चल रहा है। वरना डाक्टर के अभाव में ताले पड़ जाएंगे।

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भाजपा नेता ज्ञान सिंह ने कहा कि जिला चिकित्सालय में डाक्टरों के न बैठने की शिकायत पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से की थी। लेकिन वे भी कुछ नहीं कर पाए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में दो स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और जय प्रताप सिंह हट चुके हैं। लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं में परिवर्तन नहीं है। इस पर सीएमएस डॉ बद्री प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि महिला डाक्टरों पर उनका अंकुश नहीं है। चूंकि डॉ रुचिका सेठ आदि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीगंज में तैनात हैं। वहां का स्टाफ भी जिला चिकित्सालय में काम करता है। लेकिन इनके मुखिया सीएमओ और अधीक्षक है। बाकी से जबाव मांगा जाएगा।