Lockdown : बिहार में फिर बढ़ा लॉकडाउन, राज्य में 1 जून तक जारी रहेंगी पाबंदियां

(hdnlive) बिहार में 16 से 25 मई तक के लिए लागू लॉकडाउन को और 7 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। अब 1 जून तक लॉकडाउन रहेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए 5 मई 2021 से तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। आज फिर से सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की गई। लॉकडाउन का अच्छा प्रभाव पड़ा है और कोरोना संक्रमण में कमी दिख रही है। अतः बिहार में 25 मई के आगे एक सप्ताह के लिए अर्थात 1 जून, 2021 तक लॉकडाउन जारी रखने का निर्णय लिया गया है।

(2/2) लाॅकडाउन का अच्छा प्रभाव पड़ा है और कोरोना संक्रमण में कमी दिख रही है। अतः बिहार में 25 मई के आगे एक सप्ताह के लिए अर्थात 1 जून, 2021 तक लाॅकडाउन जारी रखने का निर्णय लिया गया है।

कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण के राज्य में बढ़ते मामले को देखते हुए सबसे पहले पांच से 15 मई तक लॉकडाउन लगाया गया। फिर 16 से 25 मई तक के लिए इसका विस्तार किया गया। 16 मई से विस्तारित लॉकडाउन में दुकानों के खुलने के समय में परिवर्तन करने के साथ ही कुछ अन्य पाबंदी लगाई गई। लॉकडाउन के बाद राज्य में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित होने वालों की संख्या में कमी आई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि लॉकडाउन में बिहारवासियों का अच्छा सहयोग मिल रहा है। जनता गाइडलाइन का पालन कर रही है। इसी का नतीजा है कि अब मरीजों की संख्या में कुछ दिनों में कमी आ रही है। मुख्यमंत्री ने बिहारवासियों से अपील करते हुए कहा कि इसके पूर्व भी मैंने आपको संबोधित किया है। बिहार में कोरोना के बारे में जानकारी दी है। अब भी दुनिया और देशभर के अन्य लोगों की तरह बिहारवासी भी कोरोना से जूझ रहे हैं। बिहार में जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। गांवों के लिए चलंत आरटीपीसीआर जांच वैन को रवाना किया गया है। इससे कोरोना में जांच की गति और बढ़ेगी। होम आइसोलेशन वाले मरीजों की ट्र्रैंकग ‘हिट कोविड नामक सॉफ्टवेयर’ से की जा रही है। इसमें स्वास्थ्य टीम नियमित घर-घर जाकर मरीजों का ऑक्सीजन लेवल व शरीर का तापमान जांचती है।

सीएम नीतीश ने की थी जनता से अपील

कपल यह भी दावा किया है कि सभी 130 यात्री उनके रिश्तेदार थे और सभी ने आरटी-पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट जमा कराई थी। इसके बाद ही इन्हें विमान में चढ़ाया गया था।