किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में नए कुलपति की तलाश

स्वामीनाथ शुक्ल

लखनऊ (Hdnlive)। किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (King George Medical) के पुराने कुलपति का कार्यकाल इसी महीने अगस्त में समाप्त हो जाएगा। जिससे नए कुलपति की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुलपति की कुर्सी हथियाने के लिए दो दर्जन से ज्यादा डाक्टर जुटे है। कुलपति की कुर्सी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस चयन प्रक्रिया में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को जोड़ने के लिए डॉ हरिराम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में डेंटल कैंसर के प्रोफेसर डॉ हरिराम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति शिक्षक एसोसिएशन के महासचिव है।

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डॉ हरिराम संगठन की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र में लिखा है कि 118 साल पुराने मेडिकल कॉलेज की स्थापना 1905 में हुई थी। एक सेंचुरी पार करने के पहले मेडिकल कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था। लेकिन 118 साल में कभी भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रधानाचार्य एवं कुलपति की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। उन्होंने लिखा है कि 2002 से अबतक 11 कुलपति बन चुके हैं। इसमें डॉ केएम सिंह, महेंद्र भंडारी, एसके अग्रवाल,हरी गौतम, एसके अग्रवाल,सरोज चूड़ामणि गोपाल,जेबी सिंह, डीके गुप्ता, रविकांत,एमएलबी भट्ट, और विपिन पुरी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। लेकिन दलित और पिछड़े वर्ग के डाक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी नहीं गई है। जिससे दलित समाज को उपेक्षा से बाहर लाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है।

हर मरीजों के साथ खुलेआम लूट मची है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की जनता को बेहतर तरीके से इलाज के लिए हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करा रहे हैं।उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक खुद स्वास्थ्य मंत्री हैं।वे रोजाना अस्पतालों का निरीक्षण करते हैं। लेकिन लखनऊ मेडिकल कॉलेज में मरीजों के साथ खुलेआम लूट मची है। यूरोलॉजी विभाग में स्ट्रेंथ और पाइप डालने के नाम पर पैंतीस सौ रुपए नकद राशि लेते हैं। ओपीडी में सफाई के नाम पर आठ सौ रुपए लेते हैं।पंगा करने पर मरीजों को भगा देते हैं। जिससे मजबूरी में मरीजों को अवैध रूप से धन देने पड़ते हैं। एक कैंसर मरीज कृष्णा ने बताया कि कैंसर के साथ किडनी भी ख़राब हो गई है। जिससे यूरिन में समास्या है। यूरिन पास करने के लिए हर महीने पाइप डलवाना पड़ता है। पाइप डालने के लिए हर बार पैंतीस सौ रुपए नकद लेते हैं। दो जनवरी को चौबीस सौ रुपए कम थे। जिससे यूरोलॉजी के हर्षित मोबाइल नंबर 8081002452 पर चौबीस सौ रुपए जमा करा लिए थे। यही हाल अधिकांश विभागों में है।

शौचालय में दरवाजे तक नहीं है

लेकिन डाक्टर से लेकर कुलपति तक सुनने को तैयार नहीं है। कैंसर से पीड़ित एक महिला मरीज ने बताया कि महिलाओं के शौचालय में दरवाजे तक नहीं है। जनसंपर्क कार्यालय के आकाश निषाद ने बताया कि मरीजों को बेहतर तरीके से जानकारी दी जाती है। व्यवस्था की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन के जिम्मे है। इससे जनसंपर्क विभाग से कोई सरोकार नहीं है। कैंसर विभाग के प्रधान लिपिक संदीप मिश्र ने बताया कि कैंसर मरीजों को हर तरीके से मदद के लिए तैयार रहते हैं। बाकी दवा इलाज डाक्टरों का काम है। भ्रष्टाचार के मामले में कुलपति विपिन पुरी ने कहा कि अवैध रूप से वसूली करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कैंसर विभाग में मरीजों को कीमो बिगो,रुई पट्टी तक बाहर से खरीदने पर कहा कि विभागाध्यक्ष से बात करेंगे। बाकी कीमो अस्पताल में मौजूद है।