दिल्‍ली में खुला देश का सबसे हाइटेक किडनी डायलिसिस अस्‍पताल, इलाज-खाना सब मिलेगा फ्री

नई दिल्ली (hdnlive)। मरीजों को सस्ती दवा, जांच व इलाज उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) काम कर रही है। इसी कड़ी में पंथ रतन बाबा हरबंस सिंह जी कार सेवा वालों के नाम पर बनाए देश के सब से बड़े किडनी डायलिसिस अस्पताल का उदघाटन बाबा बचन सिंह जी ने गुरूद्वारा बाला साहिब परिसर में किया। यह अस्पताल 24 घंटे काम करेगा। विधिवत उद्घाटन से पहले गुरूद्वारा बंगला साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी रणजीत सिंह जी ने अरदास की।

डीएसजीएमसी (DSGMC) के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने बताया कि यह अपने आप में पहला ऐसा अस्‍पताल है जहां कोई कैश काउंटर नहीं होगा. सिर्फ बीमार रोगियों के लिए रजिस्‍ट्रेशन काउंटर होगा. मरीज से एक पैसा नहीं लिया जाएगा. सिरसा ने बताया कि इस अस्‍पताल में 50 बेड और 50 हवाई जहाज के बिजनेस क्‍लास में  मिलने वाली इलेक्ट्रिक चेयर हैं. ऐसा इसलिए किया गया है कि डायलिसिस के दौरान अगर कोई मरीज बेड पर बोरियत या परेशानी महसूस करता है तो वह चेयर पर भी बैठ सकता है. यहां लगाई गई मशीनें और सभी उपकरण जर्मनी से मंगाए गए हैं. सभी मशीनें आधुनिक होने के साथ ही लेटेस्‍ट टैक्‍नोलॉजी (Latest Technology) से लैस हैं.

सिरसा आगे बताते हैं कि इस अस्‍पताल में देश के किसी भी कोने से मरीज आकर डायलिसिस करा सकेगा. एक दिन में करीब 500 मरीजों के किडनी डायलिसिस (Kidney Dialysis) की सुविधा होगी. एक मरीज का डायलिसिस करीब 3-4 घंटे चलता है ऐसे में 100 बेड पर बारी बारी से लोग इलाज करा सकेंगे. इसके लिए कोई पहचान पत्र भी नहीं लाना होगा, सिर्फ इलाज के कागज ि‍दिखाने होंगे. इस अस्‍पताल के लिए देश के जाने-माने डॉक्‍टरों को भी भर्ती किया गया है. इनमें कुछ दक्षिण भारत के नेफ्रोलॉजिस्‍ट (Nephrologist) भी हैं.

सिरसा कहते हैं कि सात मार्च को उद्धाटन के दो दिन बाद ही इसमें मरीजों को इलाज मिलना शुरू हो जाएगा. इसके लिए अभी अस्‍पताल में ही आकर रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा. हालांकि एक हफ्ते बाद यहां ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन (Online registration) की भी सुविधा मिल जाएगी. इसके लिए सिस्‍टम तैयार किया जा रहा है. डीसीजीएमसी की वेबसाइट पर जाकर लोग ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन करा सकेंगे.

इस मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम 20 साल से यह ईमारत देख रहे थे और हैरान थे कि सिख तो जिस काम को शुरु कर लेते हैं कभी बीच में नहीं छोड़ते। कल शाम जब हमें पता लगा कि यहां सब से बड़ा डायलिसिस अस्पताल खुल रहा है वह भी जहां सभी का ईलाज मुफ्त होगा तो हमें बहुत खुशी हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे काम केवल सिख कौम ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि जब महिंद्र सिंह टिकैत आंदोलन करते थे तो कहते थे कि लंगर गुरूद्वारा साहिबान में मिलता है पर आंदोलन में भी लंगर बहुत जरूरी है। उन्होंने दिल्ली के गुरूद्वारा साहिबान द्वारा लंबे समय से किसान संघर्षों के लिए लंगर के द्वारा डाले जा रहे योगदान की भारी प्रशंसा की।

स. सिरसा व स. कालका ने कहा कि हमनें बाला साहिब अस्पताल शुरू करने का वादा किया था व पहले पड़ाव में हमनें किडनी डायलिसिस अस्पताल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी का मकसद सुरक्षा व पहुंच वाली मैडीकल सहुलियत को अपने नए विचारों की बदौलत प्रदान करना है और यह दोनों प्रोजेक्ट इसकी प्रत्यक्ष मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि महंगे मैडीकल ट्रीटमेंट के इस युग में सब की पहुंच में मैडिकल सहुलियत प्रदान करना समय की जरूरत है व दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए काम कर रही है।

इस मौके पर तख्त पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह जी, दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिंदर सिंह सिरसा, तख्त पटना साहिब प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह हित्त महासचिव स. हरमीत सिंह कालका, वरिष्ठ नेता कुलदीप सिंह भोगल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणजीत कौर व अन्य पदाधिकारियों के अलावा किसान नेता राकेश टिकैत, राजिंद्र सिंह चठ्ठा व अन्य गणमान्य शख्सीयतों के अलावा बड़ी गिनती में संगत मौजूद रही।