रिश्वतखोरी के आरोपों की सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे त्रिवेंद्र रावत

नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने एक पत्रकार द्वारा उनके ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई (CBI) जांच के नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बुधवार को उच्चतम न्यायालय (High court) में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय का फैसला दो पत्रकारों- उमेश शर्मा और शिव प्रसाद सेमवाल- द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर आया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी। प्राथमिकी रद्द करते हुए उच्च न्यायालय ने शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री रावत के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया था।

शर्मा ने तब झारखंड के भाजपा प्रभारी रहे रावत पर आरोप लगाया कि उन्होंने 2016 में एक व्यक्ति को उस राज्य में गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनवाने में मदद के लिये अपने रिश्तेदारों के खातों में रुपये जमा करवाए थे। रावत ने वकील दिव्यम अग्रवाल के जरिये उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। वकील ने हालांकि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के आधार का खुलासा नहीं किया है।