“नौतपा” अलर्ट : अगले पांच दिन तक भयंकर लू

अगले कुछ दिन मौसम की मार सहने को तैयार हो जाइए। सूरज की किरणें रहम दिखाने को तैयार नहीं हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) का अंदाजा है कि अगले चार-पांच दिन भयंकर लू चलेगी। आज से ही ‘नौतपा’ भी शुरू हो रहा है। ऐसे में अगले कुछ दिन लोगों को भारी गर्मी सहन करनी पड़ सकती है। मौसम विभाग ने कुछ उत्‍तरी राज्‍यों में लू के चलते ‘रेड’ वार्निंग भी जारी की है। इस सीजन में ऐसा पहली बार है जब IMD ने ‘रेड’ वार्निंग जारी की| अबतक हल्‍की-फुल्‍की बारिश से वैसी गर्मी नहीं पड़ रही थी।

क्‍या होता है नौतपा?

हर साल मई महीने के आखिर में ‘नौतपा’ लगता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में एक बार 15 दिन के लिए सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आ जाता है। 15 दिन तक यह व्‍यवस्‍था रहती है। इसके शुरुआती नौ‍ दिनों के दौरान सूर्य और पृथ्‍वी के बीच की दूरी कम होती है। उसकी किरणें धरती पर लंबवत पड़ती हैं। इस वजह से तापमान में इजाफा देखने को मिलता है। चिलचिलाती गर्मी पड़ती है। इस साल ‘नौतपा’ 25 मई से शुरू होकर 8 जून तक चलेगा।

गर्मी झेलने के लिए तैयार रहें ये राज्‍य

IMD ने दिल्‍ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्‍थान के लिए ‘रेड’ वार्निंग दी है। यह वार्निंग अगले दो दिन के लिए जारी की गई है। इसके अलावा, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के लिए ‘ऑरेंज’ वार्निंग दी गई है। IMD बुलेटिन के अनुसार, अगले पांच दिन तक, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्‍ली, राजस्‍थान, विदर्भ और तेलंगाना में भयंकर लू चलेगी। छत्‍तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, सेंट्रल महाराष्‍ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्‍तरी कर्नाटक में भी अगले 3-4 दिन लू का प्रकोप देखने को मिलेगा।

तो 48 डिग्री पहुंच जाएगा पारा

पंजाब-हरियाणा जैसे मैदानी इलाकों में भयंकर गर्मी देखने को मिल रही है। बठिंडा का तापमान रविवार को 43.5 डिग्री पहुंच गया। लॉकडाउन की वजह से वैसे ही सड़कों पर भीड़ कम रहती है। गर्मी की वजह से कर्फ्यू जैसे हालात हो गए हैं। दक्षिण हरियाणा के कुछ जिलों में सोमवार को तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है। भारत में प्री-मॉनसून का आखिरी चरण मई के आखिरी दिनों में देखने को मिल सकता है।

कब चलती है लू?

मैदानी इलाकों में लू की स्थिति तब मानी जाती है जब एक्‍चुअल टेम्‍प्रेचर 45 डिग्री या उससे ज्‍यादा हो। गंभीर या भयानक लू की स्थिति 47 डिग्री या उससे ज्‍यादा तापमान पर बनती है। IMD गंभीरता के आधार पर कलर-बेस्‍ड वार्निंग जारी करता है। यह खतरे के बढ़ते हुए क्रम में होती है। सबसे कम खतरा ग्रीन और सबसे ज्‍यादा खतरा रेड वार्निंग में होता है।