लॉकडाउन : यमुना में तैरकर हरियाणा से यूपी जा रहे मजदूर

लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए तमाम तरीके निकाल रहे हैं। ऐसा ही कुछ किया हरियाणा के पानीपत में फंसे उत्तर प्रदेश के 12 मजदूरों ने। ये लोग हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर बहने वाली यमुना नदी में कूदे और नदी पार करने के साथ ही यूपी में पहुंच गए। हालांकि, इनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया और पुलिस ने इनको पकड़ लिया। अब पुलिस ने इन सभी लोगों को क्वारंटीन होम में रख दिया है।

जानकारी के मुताबिक, ये सभी लोग पानीपत की सब्जी मंडी में काम करते हैं। इनका कहना है कि जब इनके मालिक ने खाना देना बंद कर दिया तो मजबूरन ये लोग अपने घरों को चल पड़े। ये सभी पानीपत से लगभग 750 किलोमीटर दूर कौशांबी जा रही थे। यमुना पार करके ये सभी शामली जिले में पहुंच गए। शामली के गंगेरू गांव के लोगों ने इन्हें देखा तो पुलिस को सूचना दे दी।

शामली में लगातार हरियाणा से आने की कोशिश कर रहे मजदूर

गुरुवार को भी लगभग 15 मजदूरों ने हरियाणा के कुंजपुरा इलाके में यमुना पार करके यूपी के शामली जिले में आने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने इन्हें वापस भेज दिया। इन्हीं मजदूरों की तरह हरियाणा में फंसे सैकड़ों मजदूर नदी पार करके यूपी में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे पुलिस की चिंता बढ़ गई है। बॉर्डर सील करने और सड़कों पर बैरिकेड्स लगाने के बाद अब पुलिस को नदी की भी रखवाली करनी पड़ रही है।

शामली और बागपत जिलों की सीमा पर यमुना नदी यूपी और हरियाणा को अलग करती है। अप्रैल के पहले हफ्ते में पुलिस ने ऐसे कई लोगों को गिरफ्तार किया था, जो ट्यूब के सहारे यमुना पार करने की कोशिश कर रहे थे। गांव वालों ने ही एक-एक व्यक्ति से 200 से 300 रुपये लेकर ये ट्यूब दी थी। पुलिस को सूचना मिलने के बाद इस कारोबार पर लगाम लगाई जा सकी। इस संदर्भ में शामली के जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कई गांव के प्रधानों के साथ मीटिंग की। यमुना किनारे स्थित गांवों के लोगों से अपील की गई है कि नदी पार करने वाले शख्स को देखते ही पुलिस को सूचना दें।

शामली की डीएम बोलीं-दूसरे जिलों के हैं लोग, हम घर नहीं भेज सकते

इस बारे में शामली की जिलाधिकारी जसजीत कौर कहती हैं, ‘नदी पार करके आने वाले ज्यादातर लोग शामली के नहीं बल्कि गोरखपुर, वाराणसी और अन्य जिलों के हैं। लॉकडाउन के कारण हम इन्हें इनके घर नहीं भेज सकते हैं। सरकार का फैसला है कि जो जहां है, वहीं रहे। हमने उन्हें वापस भेजने के बाद हरियाणा प्रशासन को सूचना दी है। करनाल में ही यूपी के 740 मजदूर शेल्टर होम्स में रह रहे हैं।’