आशीष म‍िश्रा के बेल रिजेक्शन एप्लीकेशन हाईकोर्ट में करेंगे प्रस्तुत: किसान पक्ष वकील

Hdnlive|Lakhimpur case: यूपी के लखीमपुर खीरी में हुए तिकुनिया हिंसा कांड(lakhimpur violence Case) मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को हाईकोर्ट से जमानत म‍िल गई है। उधर, किसान पक्ष के वकील अमन अहमद की माने तो हाईकोर्ट की ओर से जमानत दिए जाने के बावजूद भी आशीष मिश्रा की रिहाई में तकनीकी पेंच है। उन्‍होंने दावा क‍िया क‍ि आशीष म‍िश्रा के जेल से बाहर आने की संभावना कम है। बेल देने का पुरजोर विरोध होगा। किसान पक्ष के वकील अति शीघ्र बेल रिजेक्शन एप्लीकेशन हाईकोर्ट(bail rejection application) में प्रस्तुत करेंगे।

दरअसल लखीमपुर खीरी मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 3 अक्टूबर 2021 को तिकोनिया हिंसा में कुचल कर मारे गए चार किसानों और एक पत्रकार की एफआईआर के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र को जमानत दे दी। इस मामले में नक्षत्र सिंह, दलजीत सिंह, लवप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह, रमन कश्यप की थार से कुचल कर मौत हो गयी थी।

जमानत की खबर से दुखी क‍िसान
उधर, आशीष म‍िश्रा के जमानत की खबर आते ही मृत किसानों और पत्रकार के परिजन बेहद दुखी हो गए। पत्रकार स्वर्गीय रमन कश्यप के भाई पवन ने कहा क‍ि मंत्री नहीं हटे उनका दोषी बेटा भी बाहर आ जाएगा। मृत किसान नक्षत्र सिंह के बड़े बेटे जगदीप ने कहा कि वह आदेश पर कुछ नहीं कहेगा पर कानूनी लड़ाई जारी रखेगा।

क‍िसान पक्ष के वकील का दावा
लखीमपुर खीरी निवासी और हाई कोर्ट में इस मामले में किसानों का पक्ष रखने वाले हाईकोर्ट के अधिवक्ता शशांक सिंह ने बताया कि अभी इस आदेश पर रिहाई नहीं हो सकती। हाईकोर्ट की कोर्ट 12 की एकल पीठ के जज राजीव सिंह ने एफआईआर की अलग-अलग धारा में बेल दी है। इसमें कुछ धाराएं शामिल नहीं हैं। यह धाराएं 4 जनवरी को 5000 पन्ने की चार्ज शीट में बढ़ी थीं। इसमें एसआइटी ने हत्या को सुनियोजित साजिश माना था। कुल 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

र‍िहाई पर तकनीकी पेंच
आशीष मिश्रा मोनू की तरफ से भी हाईकोर्ट में एक प्रार्थनापत्र देकर धारा 147, 148, 149, 279,338, 302,304 ए, 120 बी में जमानत देने का अनुरोध भी किया गया था। हाईकोर्ट में आशीष म‍िश्रा की तरफ से बृज मोहन मिश्रा, प्रभु रंजन त्रिपाठी, सलिल कुमार श्रीवास्तव आदि अधिवक्ताओं ने पैरवी की। किसान पक्ष से शशांक सिंह, मोहम्मद अमान ने पैरवी की। अतः रिहाई का प्रश्न ही नहीं उठता। शशांक ने बताया कि चार्जशीट में 17 वैज्ञानिक साक्ष्य, 7 भौतिक साक्ष्य, 24 वीडीओ व 208 गवाह है, बेल देने का पुरजोर विरोध होगा। किसान पक्ष के वकील अति शीघ्र बेल रिजेक्शन एप्लीकेशन हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेंगे।

रिहियरिंग के प्रार्थना पत्र को नहीं सुना
किसान पक्ष के वकील मोहम्मद अमान का कहना है कि 18 जनवरी को जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई थी। किसान पक्ष की बात रखने के समय नेटवर्क बंद हो गया था। किसान पक्ष की बात भी नहीं हो पाई पर कोर्ट ने आदेश रिजर्व कर दिया। मैंने तुरंत सुनने का प्रार्थना पत्र दिया जो फाइल में लगा है। उस पर कोर्ट ने कोई कार्यवाई नहीं की। अचानक आज आदेश सुना दिया।