एजुकेशन की फंडिंग के लिए छात्र सेक्स वर्क से जुड़ने को मजबूर

यूनिवर्सिटीज के खर्च में इजाफा होने के चलते ऐसे छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जो सेक्स वर्क के दलदल में फंस गए हैं। ऐक्टिविस्ट्स का मानना है कि विश्वविद्यालयों को इस मुद्दे को संज्ञान में लेना चाहिए और छात्रों को सपॉर्ट करना चाहिए। एक्सपर्ट्स और छात्रों ने यूनिवर्सिटीज की इस बात को लेकर निंदा की है कि एजुकेशन की फंडिंग के लिए सेक्स वर्क में छात्रों की संख्या बढ़ने के बावजूद वे कोई ऐक्शन नहीं ले रही हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक लिविंग कॉस्ट में इजाफे, अधिक स्टूडेंट फीस और ऑनलाइन ऐप्स तक एक्सेस के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। ऐसे छात्रों को ऐप्स के चलते मदद मिली है, जिन्होंने सेक्स वर्क के परंपरागत तरीकों में बड़ा बदलाव किया है। ऐसे में छात्र अपनी स्टडी के दौरान ही अपनी लाइफस्टाइल मेंटेन करने और पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए सेक्स वर्क से जुड़ जाते हैं।

इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज में ऐसा ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि इसके बाद भी शिक्षण संस्थानों का इस मुद्दे की ओर कोई ध्यान नहीं है। यहां तक कि एक मामले में तो सेक्स वर्क से जुड़ने को मजबूर हुई छात्रा तो संस्थान ने ही निकालने की धमकी दी।