दिल्ली सरकार ने राशन की होम डिलीवरी के लाइसेंस पर सिफारिशें देने के लिए समिति गठित की

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना’ के तहत राशन की होम डिलीवरी के लिए वितरण एजेंसियों को लाइसेंस देने के मुद्दे पर सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, समिति को दिल्ली निर्दिष्ट अनुच्छेद (वितरण का विनियमन) आदेश, 1981 में आवश्यक संशोधनों पर सुझाव देने के लिए भी कहा गया है।

सरकार ने छह सदस्यीय पैनल को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। अतिरिक्त आयुक्त (खाद्य एवं आपूर्ति) आनंद कुमार तिवारी, सहायक आयुक्त (नीति) राजेश आहूजा और सहायक आयुक्त (वितरण) देशराज सिंह समिति के सदस्यों में शामिल हैं।

जुलाई में, दिल्ली मंत्रिमंडल ने राशन की घर के द्वार तक आपूर्ति को मंजूरी दी थी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे “क्रांतिकारी” कदम करार दिया था।

केजरीवाल ने कहा था कि इस योजना को अगले छह से सात महीनों में निविदा प्रक्रिया और अन्य जरूरी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद लागू किए जाने की उम्मीद है। केजरीवाल ने जुलाई में कहा था, ‘‘इस योजना के तहत गेहूं के आटे, चावल और चीनी को बैग में पैक करके लोगों के घर तक पहुंचाया जाएगा।

पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) दुकान से राशन लेना वैकल्पिक होगा।’’ दिल्ली में 17 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक हैं, जबकि लाभार्थियों की कुल संख्या लगभग 70 लाख है।