T20 CRICKET : टी-20 विश्व कप में भारत के खिलाफ पाकिस्तान (INDIA VS PAKISTAN) की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों (KASHMIR STUDENTS)का केस आगरा के वकील नहीं लड़ेंगे। वकीलों ने कश्मीरी छात्रों की राष्ट्रविरोधी हरकतों की कड़ी निंदा कर इन छात्रों को किसी भी तरह की कानूनी सहायता नहीं देने का फैसला किया है। उधर, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इन छात्रों को माफी देने के लिए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है।
आगरा के वकीलों ने फैसला किया है कि वकील इन छात्रों का केस नहीं लड़ेंगे
आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन, जिला बार एसोसिएशन, अधिवक्ता सहयोग समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक छात्रों ने जो हरकत की वो देश विरोधी है। लिहाजा अब आगरा के वकीलों ने फैसला किया है कि वकील इन छात्रों का केस नहीं लड़ेंगे। वकीलों के संघों ने कहा कि भारत का संविधान सभी को एक साथ रहने की आजादी प्रदान करता है। इसका ये अर्थ नहीं कि कोई भी व्यक्तिराष्ट्र विरोधी काम करे। कश्मीरी छात्रों को इस तरह की राष्ट्र विरोधी हरकत नहीं करना चाहिए थी और उन्हें पढ़ाई में ध्यान देना चाहिए था।
आगरा के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों ने जश्न मनाया था
दरअसल पिछले दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया था, जिसके बाद आगरा के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों ने जश्न मनाया था। पुलिस ने इन छात्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कोर्ट में छात्रों की वकीलों ने पिटाई भी की थी। पुलिस का कहना है कि कश्मीरी छात्र अरशीद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनी ने पिछले सप्ताह भारत और पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट मैंच के बाद व्हाट्सएप पर स्टेटस डाला था। इन छात्रों को कॉलेज प्रशासन ने निकाल दिया था। छात्रों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी।
महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिख कश्मीरी छात्रों के साथ न्याय करने की मांग
महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिख कश्मीरी छात्रों के साथ न्याय करने की मांग की है। पीडीपी अध्यक्ष ने कहा है कि पीएम इस मामले में हस्तक्षेप कर तीनों कश्मीरी छात्रों को रिहा करवाएं, जिससे उनका भविष्य खराब न हो। ध्यान रहे कि इसी तरह के एक मामले में उदयपुर में एक महिला शिक्षक को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। माफी के बाद भी उसे अरेस्ट कर जेल भेजा गया।