अमेठी के तीन सौ गांव पांच दिन से अंधेरे में डूबे

स्वामीनाथ शुक्ल | hdnlive
अमेठी।
अमेठी में बेनीपुर पावरहाउस का ट्रांसफार्मर जल गया है। जिससे अमेठी(Amethi) के तीन सौ गांव पांच दिन से अंधेरे में डूबे हैं। लेकिन पावरहाउस के जूनियर इंजीनियर, अमेठी के सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता, अधिक्षण अभियंता और अयोध्या मंडल के मुख्य अभियंता तक के फोन नहीं उठ रहे हैं। जिससे इस भयंकर गर्मी में हजारों घरेलू उपभोक्ता त्रस्त है। किसानों की धान रोपाई चल रही है। लेकिन ट्यूबवेल बंद पड़ी है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi adityanath) 24 घंटे के अंदर ट्रांसफार्मर बदलने का आदेश जारी कर रखा है। लेकिन पावरहाउस का ट्रांसफार्मर फुके पांच दिन गुजर चुके हैं। अभी विभाग के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। अधिकारी चाहते तो बेनीपुर पावरहाउस को किसी अन्य पावरहाउस से जोड़कर बिजली आपूर्ति कर सकते थे। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों पर किसी का भी दबाव नहीं है। जिससे अधिकारी निरंकुश हो गए हैं।

बिजली विभाग के अधिकारी मंत्रियों की नहीं सुनते

अमेठी विधानसभा में जनहित के मुद्दों को उठाने वाले नेता भी नहीं है। आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महराजी देवी अमेठी की सपा विधायक हैं। लेकिन वे अपने पति को जेल से छुड़ाने और अवैध संपत्ति बचाने में जुटी है। जिससे अमेठी की जनता से कोई सरोकार नहीं है। भाजपा की दो पूर्व विधायक गरिमा सिंह लखनऊ और रानी अमिता सिंह दिल्ली रहती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। आशीष शुक्ल कांग्रेस में है। बिजली विभाग के अधिकारी मंत्रियों की नहीं सुनते हैं। कांग्रेस नेताओं का कोई मतलब ही नहीं है। अमेठी विधानसभा नेता विहीन हो गई है। अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी केंद्रीय मंत्री है। इनके पास देश की जिम्मेदारी है। जिससे जनता की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान कराना मुश्किल है। अमेठी में बिजली विभाग की मनमानी का मामला उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रभावी मंत्री गिरीश चंद्र यादव के सामने तक उठ चुका है। लेकिन अधिकारियों में कोई सुधार नहीं है।

बेनीपुर पावरहाउस का बुरा हाल

सबसे बुरा हाल बेनीपुर पावरहाउस का है। यहां के जेई समाजवादी विचारधारा के हैं। जिससे समाजवादियों को छोड़कर बाकी फोन भी नहीं उठाते है। इनके लाइनमैन उस्मान और कहैया पांच सौ रुपए जमा कराने के बाद फाल्ट ठीक करते हैं। उपभोक्ताओं को फाल्ट ठीक कराने के लिए अफसरों का चक्कर काटना पड़ता है। क्योंकि बिजली विभाग के अधिकारी सरकारी फोन भी नहीं उठाते है। बिजली विभाग की उड़नदस्ता टीम घरों में डकैतों की तरह घुसती है।इसकी शिकायत नेताओं ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तक से की थी। जबकि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण बिजली योजना में कंपनी ने बड़े पैमाने पर धांधली की है। मीटर दीवार में लगाकर बिना जोड़े भाग गए थे। हजारों लोगों को कनेक्शन दिए गए हैं। लेकिन बिजली के बिल नहीं आते हैं। विभाग के अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। लाइनमैन के भरोसे जिला चल रहा है। बाकी जेई, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता आफिस में बैठकर जिला चलाते हैं।